देश की पहली कॉरपोरेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस पटरी पर दौड़ने लगी है, जिसमें देरी होने पर मुआवजा देने का ऐलान किया गया है. शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. तेजस ट्रेन के लेट होने पर यात्रियों को 250 रुपये तक का मुआवजा देने की व्यवस्था की गई है.
कौन है तेजस का मालिक?
देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस का मालिक भारतीय रेलवे ही है। उसने उस ट्रेन के टिकिट बेचने, और केटरिंग सिस्टम को IRCTC को किराए पर दे दिया है।
यह ट्रेन भारतीय रेलवे के ट्रैक पर चल रही है।
इस ट्रेन को भारतीय रेलवे के लोको पायलट और गार्ड चला रहे हैं।
ट्रेन की कंट्रौलिंग पूरी तरह से भारतीय रेलवे के सैक्शन कंट्रौलर और स्टेशन मास्टर के हाथ मेंं है।
ट्रेन का प्रोटेक्शन भारतीय रेलवे का आर. पी. एफ. स्टाफ करेगा।
ट्रेन भारतीय रेलवे के स्टेशनों से गुजरेगी और उन्हीं स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर रुकेगी।
IRCTC की हैसियत एक किराएदार से ज्यादा नहीं। यात्री उस किराएदार के मेहमान हैं।
इसके लिए भारतीय रेलवे और IRCTC के बीच एक MoU (Memorandum of Understanding) पर हस्ताक्षर किए गये हैं। इसमें विभिन्न शर्तों का उल्लेख है। IRCTC भारतीय रेलवे को एक तयशुदा हालेज (Haulage) चार्ज देगी।
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